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Hamirpur News: आशा वर्कर्स ने उठाई स्थाई नीति और रिटायरमेंट बेनिफिट्स की मांग

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Asha Worker:  आशा वर्कर्स, जो लंबे समय से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं, ने अपनी सेवाओं को नियमित करने और उनके लिए स्थाई नीति बनाए जाने की मांग की है। इस संदर्भ में हमीरपुर आशा वर्कर संघ की सदस्यों ने उपायुक्त हमीरपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा। आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों में स्पष्ट किया कि उन्हें उचित मानदेय नहीं मिल रहा है, और सरकार से उनके लिए स्थाई नीति बनाई जाने की अपील की है।

आशा वर्कर किरण ने बताया कि आशा वर्कर्स कई वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उचित लाभ नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि आशा वर्कर्स की मृत्यु होने पर उन्हें मुआवजा दिया जाए और बेहतर काम के लिए अच्छे टैबलेट उपलब्ध कराए जाएं।

ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि आशा वर्कर्स के खाली पदों को जल्द भरा जाए और पूरे हिमाचल प्रदेश में आशा फैसिलिटेटर की नियुक्ति हो। साथ ही, आशा वर्कर्स की मौत होने पर मुआवजे की व्यवस्था की जाए, ताकि आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक जीवन जीने का मौका मिल सके।

पूजा, जो एक आशा वर्कर हैं, ने कहा कि आशा वर्कर्स को अत्यधिक काम करना पड़ता है और उनकी कोई स्थाई नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए या उनके लिए कोई स्थाई नीति बनाई जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि कई आशा वर्कर्स के मोबाइल फोन, जो सरकार द्वारा दिए गए थे, अब खराब हो चुके हैं, जबकि उन्हें 6 एप्स पर ऑनलाइन काम करना होता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि बेहतर गुणवत्ता वाले टैबलेट दिए जाएं, ताकि वे अपनी आंखों को सुरक्षित रखते हुए बेहतर तरीके से काम कर सकें।